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पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय के लोग 5 लाख की संख्या में हैं। अहमदी एक धार्मिक अल्पसंख्यक हैं। यह खुद को मुस्लिम मानते हैं। लेकिन पाकिस्तान ने संविधान संशोधन के जरिए इन्हें गैर मुस्लिम घोषित किया था। बाद में सैनिक तानाशाह जिया उल-हक ने अहमदियों को खुद को मुस्लिम बताने से रोक दिया था। इसके साथ उनके ऊपर इस्लामी आस्था के प्रतीकों को सार्वजनिक रूप से दिखाने पर प्रतिबंध लगा दिया। जैसे वह अपने प्रार्थना स्थलों पर मीनार नहीं बना सकते।
अब तक 2023 में ही 100 अधिक मस्जिदों पर पाकिस्तानी हमला कर चुके हैं जो मस्जिदें अहमदीया समुदाय की हैं
जनवरी से 34 हमले हुए
पाकिस्तान के ह्यूमन राइट्स कमीनशन ने कहा कि जनवरी से 34 हमले पाकिस्तान में हुए हैं। वही अहमदियों की ओर से इकट्ठा किए गए आंकड़ों के मुताबिक 2022 से कम से कम तीन लोगों को आस्था के कारण मारा गया। जबकि 108 लोगों पर धार्मिक मामलों में मुकदमा दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि पिछले साल कम से कम 14 प्रार्थनास्थलों और 197 कब्रों को नष्ट किया गया। एक शख्स ने कहा कि डास्का में उसके पूर्वज आजादी से पहले रहते हैं। तब यहां दो लाख लोग थे। लेकिन अब सिर्फ 200 घर बचे हैं।