Friday, 24 November 2023

पाकिस्तान इन मुस्लिमों के लिए बना नरक, मस्जिद तोड़ी जा रही 2023 में मचा आतंक

 

पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय के लोग 5 लाख की संख्या में हैं। अहमदी एक धार्मिक अल्पसंख्यक हैं। यह खुद को मुस्लिम मानते हैं। लेकिन पाकिस्तान ने संविधान संशोधन के जरिए इन्हें गैर मुस्लिम घोषित किया था। बाद में सैनिक तानाशाह जिया उल-हक ने अहमदियों को खुद को मुस्लिम बताने से रोक दिया था। इसके साथ उनके ऊपर इस्लामी आस्था के प्रतीकों को सार्वजनिक रूप से दिखाने पर प्रतिबंध लगा दिया। जैसे वह अपने प्रार्थना स्थलों पर मीनार नहीं बना सकते।

अब तक 2023  में ही 100 अधिक मस्जिदों पर पाकिस्तानी हमला कर चुके हैं जो मस्जिदें अहमदीया समुदाय की हैं

जनवरी से 34 हमले हुए


पाकिस्तान के ह्यूमन राइट्स कमीनशन ने कहा कि जनवरी से 34 हमले पाकिस्तान में हुए हैं। वही अहमदियों की ओर से इकट्ठा किए गए आंकड़ों के मुताबिक 2022 से कम से कम तीन लोगों को आस्था के कारण मारा गया। जबकि 108 लोगों पर धार्मिक मामलों में मुकदमा दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि पिछले साल कम से कम 14 प्रार्थनास्थलों और 197 कब्रों को नष्ट किया गया। एक शख्स ने कहा कि डास्का में उसके पूर्वज आजादी से पहले रहते हैं। तब यहां दो लाख लोग थे। लेकिन अब सिर्फ 200 घर बचे हैं।

Wednesday, 15 November 2023

इज़रायल-हमास के बर्बर युद्ध से प्रभावित हैं करोड़ों मुस्लिम ,हो रहा इस्लाम से मोहभंग

Why Muslims Leaving Islam in large numbers across world


हमास की बर्बरता देख आख़िर कैसे डेढ़ लाख मुस्लिमों ने छोड़ा इस्लाम ?

आइये जानते हैं विस्तार से 

इजरायल में 7 अक्टूबर को हमास के आतंकियों ने जिस तरह की बर्बरता की थी, उसने कई लोगों को झकझोर कर रख दिया।

गौरतलब है कि 7 अक्टूबर 2023 को शनिवार की रात जब पूरा इजरायल राष्ट्रीय छुट्टियां मना रहा था तो हमास के आतंकियों ने घात लगाकर हमला किया। आतंकियों ने 1400 इजरायलियों की बर्बरता करके हत्या कर दी। कई महिलाओं और बच्चों के साथ रेप और गैंगरेप किया गया। कईयों को जिंदा जला दिया गया था।


क्यों डेढ़ लाख मुस्लिमों ने छोडा इस्लाम?

जो भी हुआ अब इसका प्रभाव पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है जहाँ एक report की मानें तो Israel hamas के युद्ध के बीच ही hamas ने इस्लाम के नाम पर बर्बरता की उससे क़रीब डेढ़ लाख मुस्लिमों का Islam से मोहभंग हुआ और उन्होंने Islam को छोड़ दिया है।


Ex Muslims Movement 

दरअसल हमास ने जो बर्बरता की लोगों की हत्या कर करके वह Allahu Akbar ke नारे लगा रहा था यह एक dharmik nara है और आज कल poori दुनिया में EX muslims की मुहिम चल रही है और इससे में यह डेढ़ लाख muslim और भी जुड़ गए हैं जो बीते दो महीनों में ही इन्होंने Islam छोड़ा है।


Friday, 10 November 2023

2024 में दुबई बना सकता है एक और हिंदू मंदिर

दुबई सरकार 2024 में बना सकती है एक और हिंदू मंदिर
देश दुनिया में hindu मंदिरों की बढ़ती लोकप्रियता को देखकर अब Dubai सरकार २०२४ में एक और हिंदू मंदिर बनाने की सोच रही है यह अपने आप में एक बड़ी बात है कि जिस धरती पर  कभी वह Islam का उदय हुआ था आज सुबह यह हिंदू मंदिर से काफ़ी ज़्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
ग़ौरतलब है कि 2015 से जब से प्रधानमंत्री shri narendra Modi जी ne संयुक्त arab Emirates का दौरा kiya है तब से वह Bharath और UAE ke संबंध काफ़ी ज़्यादा मज़बूत हुए हैं 

Thursday, 25 May 2023

Hinduism in Ghana:1633 Muslims Adopted Hinduism In Last Three Years

Growth Of Hinduism In Ghana

Hinduism in Ghana: A Report Published On april said that hinduism in African countries and the growth Of Hinduism in Ghana surprising people . Report Said, 

"1633 Muslims Officially Converted In Hinduism"


Friday, 29 November 2019

स्कूटी हुई पंचर ,दरिंदो ने किया गैंगरेप ! लाश जलाकर फेंक दी







तेलंगाना की राजधानी के निकट शादनगर कस्बे में अज्ञात व्यक्तियों ने एक पशुचिकित्सक युवती की हत्या आग लगाकर कर दी। उसका जला शव गुरुवार को पाया गया। युवती का झुलसा हुआ शव रंगा रेंड्डी जिले के शादनगर कस्बे के निकट चतनपल्ली पुल पर पाया गया। 
युवती शादनगर के अपने घर से कोल्लूरू गांव में एक पशु चिकित्सालय में अपने ड्यूटी के लिए निकली थी। युवती ने बुधवार को अपनी बहन को कॉल कर कहा कि उसका दोपहिया वाहन घर लौटने के दौरान टूट गया है।
युवती ने अपनी बहन से कहा कि वह डरी हुई है। जब युवती के परिवार ने बाद में उससे संपर्क करने की कोशिश की तो उसका मोबाइल फोन बंद पाया गया।
पुलिस ने कहा कि एक महिला का झुलसा हुआ शव पुल के पास पाया गया है। उसकी उम्र 20 से 25 के बीच है। युवती के पिता ने अपने बेटी के तौर पर युवती के शव की पहचान की है।


Thursday, 28 November 2019

आज की अमीरी की दुनिया मे अपने हो रहे दूर....

😢😢😢
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यह मुम्बई की करोड़पति स्त्री का शव है। एक करोड़पति NRI पुत्र की माँ की लाश है। लगभग 10 माह से 7 करोड़ के फ़्लैट में मरी पड़ी थी। अमेरिका में रहने वाले इंजीनियर ऋतुराज साहनी लंबे अरसे बाद अपने घर मुंबई लौटे, तो घर पर उनका सामना किसी जीवित परिजन की जगह अपनी मां के कंकाल से हुआ। बेटे को नहीं मालूम कि उसकी मां आशा साहनी की मौत कब और किन परिस्थितियों में हुई। आशा साहनी के बुढ़ापे की एकमात्र आशा 'उनके इकलौते बेटे' ने खुद स्वीकार किया कि उसकी मां से आखिरी बातचीत कोई सवा साल पहले बीते साल अप्रैल में हुई थी।

23 अप्रैल 2016 को मां ने ऋुतुराज से कहा था कि बेटा! अब अकेले नहीं रह पाती हूँ। या तो अपने पास अमेरिका बुला लो या फिर मुझे किसी ओल्डएज होम में भेज दो। बेटे ऋतुराज ने आशा साहनी को ढाढस दिया कि मां फिक्र न करे, वह जल्द ही इंडिया आएगा। डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका में किसी भारतीय का नौकरी करना और डालर कमाना आसान नहीं रहा। लिहाजा बेटे ने अपने हिसाब से तो जल्दी ही की होगी, वह सवा साल बाद मॉं से किया वायदा पूरा करने इंडिया आया, पर माँ के हिसाब से देर हो गई और इसी बीच न जाने कब आशा साहनी की मौत हो गई।

रविवार सुबह एयरपोर्ट से घर पहुंचने के बाद ऋतुराज साहनी ने काफी देर तक दरवाजे पर दस्तक दी। जब कोई जवाब नहीं आया तो उन्होंने दरवाजा खुलवाने के लिए एक चाबी बनाने वाले की मदद ली। भीतर घुसे तो उन्हें अपनी 63 साल की मां आशा साहनी का कंकाल मिला।

आशा साहनी 10वें फ्लोर पर बड़े से फ़्लैट में अकेले रहती थीं। उनके पति की मौत 2013 में हो चुकी थी। पुलिस के मुताबिक 10वीं मंजिल पर स्थित दोनों फ्लैट साहनी परिवार के ही हैं, इसलिए शायद पड़ोसियों को कोई बदबू नहीं आई। हालांकि पुलिस के मुताबिक यह भी हैरानी की बात है कि किसी मेड या फिर पड़ोसी ने उनके दिखाई न देने पर गौर क्यों नहीं किया।

बेटे ने अंतिम बार अप्रैल 2016 में बात होने की जानकारी ऐसे दी, मानों वह अपनी मां से कितना रेगुलर टच में था। जैसा कि बेटे से बातचीत में आशा ने संकेत भी किया था कि वह इतनी अशक्त हो चुकी थीं कि उनका अकेले चल-फिर पाना और रहना मुश्किल हो गया था। करोड़ों डालर कमाने वाले बेटे की मां और 12 करोड़ के दो फ़्लैटों की मालकिन आशा साहनी को अंतिम यात्रा तो नसीब नहीं ही हुई, इससे भी बड़ी विडंबना यह हुई, जैसा कि प्रत्यक्षदर्शियों का अनुमान है कि संभवत: आशा की मौत भूख-प्यास के चलते हुई।
भारत के महाराष्ट्र प्रान्त की आर्थिक राजधानी मुंबई के अंधेरी इलाके लोखंडवाला की पाश लोकलिटी 'वेल्स कॉट सोसायटी' में इस अकेली बुजुर्ग महिला की मौत जिन हालात में हुई, उनसे यह साफ है कि कोलंबिया विश्वविद्यालय की रिपोर्ट में छुपी पश्चिमी सभ्यता की त्रासदी हम भारतीयों के दरवाजे पर दस्तक देती लग रही है। इस रिपोर्ट के मुताबिक मौत का इंतजार ही इस सदी की सबसे खौफनाक बीमारी और आधुनिक जीवन शैली की सबसे बड़ी त्रासदी है। अशक्त मां की करुण पुकार सुनकर भी अनसुना कर देने वाला जब अपना इकलौता बेटा ही हो, तब ऐसे समाज में रिश्ते-नातेदारों से क्या अपेक्षा की जाय?

आशा साहनी की मौत ने एक बार फिर चेताया है कि भारत के शहरों में भी सामाजिक ताना-बाना किस कदर बिखर गया है। अब समय नहीं बचा है, अब भारतवर्ष को चेत जाना चाहिए। भारत में भारतीय संस्कृति नहीं बची तो कुछ नहीं बचेगा।#कॉपी😢😢😢#दौलत #आधुनिकता #अँधिदौड

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