Friday, 29 November 2019

स्कूटी हुई पंचर ,दरिंदो ने किया गैंगरेप ! लाश जलाकर फेंक दी







तेलंगाना की राजधानी के निकट शादनगर कस्बे में अज्ञात व्यक्तियों ने एक पशुचिकित्सक युवती की हत्या आग लगाकर कर दी। उसका जला शव गुरुवार को पाया गया। युवती का झुलसा हुआ शव रंगा रेंड्डी जिले के शादनगर कस्बे के निकट चतनपल्ली पुल पर पाया गया। 
युवती शादनगर के अपने घर से कोल्लूरू गांव में एक पशु चिकित्सालय में अपने ड्यूटी के लिए निकली थी। युवती ने बुधवार को अपनी बहन को कॉल कर कहा कि उसका दोपहिया वाहन घर लौटने के दौरान टूट गया है।
युवती ने अपनी बहन से कहा कि वह डरी हुई है। जब युवती के परिवार ने बाद में उससे संपर्क करने की कोशिश की तो उसका मोबाइल फोन बंद पाया गया।
पुलिस ने कहा कि एक महिला का झुलसा हुआ शव पुल के पास पाया गया है। उसकी उम्र 20 से 25 के बीच है। युवती के पिता ने अपने बेटी के तौर पर युवती के शव की पहचान की है।


Thursday, 28 November 2019

आज की अमीरी की दुनिया मे अपने हो रहे दूर....

😢😢😢
—————
यह मुम्बई की करोड़पति स्त्री का शव है। एक करोड़पति NRI पुत्र की माँ की लाश है। लगभग 10 माह से 7 करोड़ के फ़्लैट में मरी पड़ी थी। अमेरिका में रहने वाले इंजीनियर ऋतुराज साहनी लंबे अरसे बाद अपने घर मुंबई लौटे, तो घर पर उनका सामना किसी जीवित परिजन की जगह अपनी मां के कंकाल से हुआ। बेटे को नहीं मालूम कि उसकी मां आशा साहनी की मौत कब और किन परिस्थितियों में हुई। आशा साहनी के बुढ़ापे की एकमात्र आशा 'उनके इकलौते बेटे' ने खुद स्वीकार किया कि उसकी मां से आखिरी बातचीत कोई सवा साल पहले बीते साल अप्रैल में हुई थी।

23 अप्रैल 2016 को मां ने ऋुतुराज से कहा था कि बेटा! अब अकेले नहीं रह पाती हूँ। या तो अपने पास अमेरिका बुला लो या फिर मुझे किसी ओल्डएज होम में भेज दो। बेटे ऋतुराज ने आशा साहनी को ढाढस दिया कि मां फिक्र न करे, वह जल्द ही इंडिया आएगा। डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका में किसी भारतीय का नौकरी करना और डालर कमाना आसान नहीं रहा। लिहाजा बेटे ने अपने हिसाब से तो जल्दी ही की होगी, वह सवा साल बाद मॉं से किया वायदा पूरा करने इंडिया आया, पर माँ के हिसाब से देर हो गई और इसी बीच न जाने कब आशा साहनी की मौत हो गई।

रविवार सुबह एयरपोर्ट से घर पहुंचने के बाद ऋतुराज साहनी ने काफी देर तक दरवाजे पर दस्तक दी। जब कोई जवाब नहीं आया तो उन्होंने दरवाजा खुलवाने के लिए एक चाबी बनाने वाले की मदद ली। भीतर घुसे तो उन्हें अपनी 63 साल की मां आशा साहनी का कंकाल मिला।

आशा साहनी 10वें फ्लोर पर बड़े से फ़्लैट में अकेले रहती थीं। उनके पति की मौत 2013 में हो चुकी थी। पुलिस के मुताबिक 10वीं मंजिल पर स्थित दोनों फ्लैट साहनी परिवार के ही हैं, इसलिए शायद पड़ोसियों को कोई बदबू नहीं आई। हालांकि पुलिस के मुताबिक यह भी हैरानी की बात है कि किसी मेड या फिर पड़ोसी ने उनके दिखाई न देने पर गौर क्यों नहीं किया।

बेटे ने अंतिम बार अप्रैल 2016 में बात होने की जानकारी ऐसे दी, मानों वह अपनी मां से कितना रेगुलर टच में था। जैसा कि बेटे से बातचीत में आशा ने संकेत भी किया था कि वह इतनी अशक्त हो चुकी थीं कि उनका अकेले चल-फिर पाना और रहना मुश्किल हो गया था। करोड़ों डालर कमाने वाले बेटे की मां और 12 करोड़ के दो फ़्लैटों की मालकिन आशा साहनी को अंतिम यात्रा तो नसीब नहीं ही हुई, इससे भी बड़ी विडंबना यह हुई, जैसा कि प्रत्यक्षदर्शियों का अनुमान है कि संभवत: आशा की मौत भूख-प्यास के चलते हुई।
भारत के महाराष्ट्र प्रान्त की आर्थिक राजधानी मुंबई के अंधेरी इलाके लोखंडवाला की पाश लोकलिटी 'वेल्स कॉट सोसायटी' में इस अकेली बुजुर्ग महिला की मौत जिन हालात में हुई, उनसे यह साफ है कि कोलंबिया विश्वविद्यालय की रिपोर्ट में छुपी पश्चिमी सभ्यता की त्रासदी हम भारतीयों के दरवाजे पर दस्तक देती लग रही है। इस रिपोर्ट के मुताबिक मौत का इंतजार ही इस सदी की सबसे खौफनाक बीमारी और आधुनिक जीवन शैली की सबसे बड़ी त्रासदी है। अशक्त मां की करुण पुकार सुनकर भी अनसुना कर देने वाला जब अपना इकलौता बेटा ही हो, तब ऐसे समाज में रिश्ते-नातेदारों से क्या अपेक्षा की जाय?

आशा साहनी की मौत ने एक बार फिर चेताया है कि भारत के शहरों में भी सामाजिक ताना-बाना किस कदर बिखर गया है। अब समय नहीं बचा है, अब भारतवर्ष को चेत जाना चाहिए। भारत में भारतीय संस्कृति नहीं बची तो कुछ नहीं बचेगा।#कॉपी😢😢😢#दौलत #आधुनिकता #अँधिदौड

Whatsapp information

*प्रिय बन्धुओं !*

कृपया ध्यान दें कि *व्हाट्सएप्प के शीघ्र लागू होने वाले नए नियमों के अनुसार* अब आप व्हाट्सएप्प संदेशों में जो (✔) टिक का/के निशान देखेंगे, उनका तात्पर्य इस प्रकार से समझ लीजियेगा :

केवल ✔ निशान का अर्थ कि सन्देश भेज दिया गया है।

दो निशान ✔✔ बताते हैं कि सन्देश पहुँच गया है।

नीले रंग के  ✔✔  दो निशान बताते हैं कि सन्देश पढ़ लिया गया है।

✔✔ ✔  तीन नीले रंग के निशान इशारा करेंगे कि सरकार द्वारा भी आपके सन्देश का संज्ञान लिया गया है।

 ✔✔ ✔  दो नीले और एक लाल रंग का निशान इशारा करेगा कि सरकार द्वारा एक्शन लिया जा सकता है।

✔✔ ✔  एक नीला और दो लाल रंग के निशान दर्शाएंगे कि, सरकार की नज़र में आपत्तिजनक सन्देश के लिए आपके खिलाफ एक्शन की शुरुआत सरकार द्वारा कर दी गई है।

✔✔ ✔ तीन लाल रंग के ऐसे निशान इशारा करेंगे कि आपके द्वारा आपत्तिजनक सन्देश भेजने पर, सरकार ने आपके विरुद्ध कठोर एक्शन ले लिया है और शीघ्र ही आपको न्यायालय से एक सम्मन (summon) प्राप्त होने वाला है।

*इसलिए सावधान हो जाइये -*
नकारात्मक, अफवाह फैलाने वाले सामाजिक, राजनैतिक अथवा सरकार विरोधी व्हाट्सएप्प सन्देश भेजने से परहेज़ करें, ऐसा करने से बचें, लापरवाही बिल्कुल न करें।

*कृपया व्हाट्सएप्प द्वारा सन्देश भेजने के मामले में सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।*

कृपया इस सन्देश को अपने परिचितों को व ग्रुप्स में अधिक से अधिक संख्या में प्रचारित व प्रसारित करें।
🙏🏻😊😊🙏🏻  🙏🏻😊😊🙏🏻

Up board paper 2019

उ.प्र. बोर्ड परीक्षा 2019
      विषय  - हिंदी अनिवार्य
      कक्षा   -  12th

पूर्णांक 100             समय  03:15  घण्टे


Q1 हसं मत पगली वरना क्या हो जाएगा?

(अ )  प्यार
(ब)    गुस्सा
(स)   भाई बोल देगी

Q2. लड़को को सबसे ज्यादा बर्बाद कौन करता है?

1. लड़की
2. झूठा प्यार
3. लुगाई

Q3. बसंती किसके सामने नहीं नाचेगी?

(अ)  कुतो के
(ब) बेवडो़ के सामने
(स) गुंडों के सामने

Q4. सबसे ज्यादा धोखा कौन करती है?

(अ) लड़की
(ब) जिगरी यार
(स) दोस्त

Q5. लड़कीयो की सबसे गंदी आदत कौन सी हैं?

1. दोस्ती करना
2. धोखा देना
3. ब्लोक करना
4. ये सभी

Q6. जा बेवफा जा हमे प्यार नहीं करना। टिप्पणी कीजिए?

Q7.   निम्नलिखित   दोहे का अनुवाद करो ?

सोचता हु की वो  कितने मासुम थे ।
क्या से क्या  हो गये देखते देखते ।।
मने पत्थर से जिनको बनाया सनम ।
वो खुदा हो गये देखते देखते ।।

Q8. सप्रसगं व्याख्या कीजिए?

काजल तुम सिर्फ मेरी हो, और किसी की नहीं हो सकती लाशे बिछा दुगा लाशे??

Q9.  किसी एक पर निबंध लिखे ?(100) वर्ड।

1. बेवफा सनम
2. जा बेवफा जा
3. बैवड़े  यार

Q10. दिय गए मुहावरो को अपनी भाषा में प्रकट करो?
1. तेरी बेवफाई
2. प्यार मैं बदनाम
3. प्यार में धोखा

Q11. बावली तरेड़ । कोनसा अलंकार है ?लिखिए।

Q12. हमें तो अपनो ने लुटा,
   गैरो में कहा दम था,
 मेरी किश्ती थी डूबी वहा,
 जहा पानी कम था? प्रकाश   डालिए?

Q13.  हम तेरे बिन अभी रह नहीं सकते तेरे शिवा क्या वजुद मेरा ।
संक्षिप्त वर्णन कीजिये ?

Q14.  निम्न में से कोई दो प्रशन करो?

1. पुजवा क्यों बदल गयी?
2. लड़किया बेवफा होतीं है। सिद्ध कीजिये?
3. " जानेमन " कहानी स्पष्ट कीजिए।

Q15. एक अप्लिकेशन लिखिए?
1. तु मेरी जान है,
2. आवारा पागल दिवाना
3. दिल तोड़ के हंस दी,


👉👉 सभी ग्रुप में Share करो ताकी कोई लड़का fail न हो 😂😂👈👈

ईलाका तुम्हारा और धमाका हमारा💓

BA 1st year Political science 101 pdf download hindi


1858 से 1947 तक भारत मे वायसराय की सूची

ब्रिटिश भारत के दौरान ब्रिटिश वायसराय की सूची (1858-1947)

लार्ड कैनिंग (1856-62)

लार्ड जॉन लॉरेंस (1864-69)

लार्ड मेयो (1869-1872)

लॉर्ड लिटन (1876-1880)

लार्ड रिपन (1880-1884)

लार्ड डफरिन (1884-1888)

लार्ड लैंसडाउन (1888-1894)

लॉर्ड कर्जन (1899-1905)

लॉर्ड मिंटो द्वितीय (1905-1910)

लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय (1910-1916)

लार्ड चेल्म फ़ोर्ड (1916 -21)

लार्ड रीडिंग (1921-1926)

लॉर्ड इरविन (1926-1931)

लार्ड वेलिंगटन (1931-1936)

लॉर्ड लिनलिथगो (1936-1943)

लार्ड वावेल (1943-1947)


देखिए भारत में कब आया 'वैवेल प्लान' इसके बारे में विस्तार से!

वैवेल योजना (1945) हिंदी में
जून 1945 में लार्ड वेवेल द्वारा भारत की वैधानिक समस्या के समाधान के लिए शिमला सम्मेलन में जो योजना प्रस्तुत की गई उसे ही वैभव योजना के नाम से जाना जाता है


अक्टूबर 1943 में लार्ड लिनलिथगो के स्थान पर लार्ड बिस्काउंट वेवल पर वायसराय और गवर्नर जनरल नियुक्त किए गए
इस समय भारत की स्थिति तनावपूर्ण थी उन्होंने भारतीय संवैधानिक गतिरोध दूर करने की दिशा में प्रयास प्रारंभ किया
सर्वप्रथम भारत छोड़ो आंदोलन के समय गिरफ्तार कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य को रिहा किया गया
मार्च 1945 में वायसराय इंग्लैंड गए और वहां ब्रिटिश सरकार से भारतीय मामलों पर चर्चा की
14 जून 1945 को उन्होंने अपने विचार विमर्श के परिणामों से जनता को एक रेडियो प्रसारण द्वारा अवगत करवाया
भारत राज्य सचिव लार्ड एमरी ने कॉमंस सभा में इसी प्रकार का वक्तव्य दिया और यह कहा कि मार्च 1942 का प्रस्ताव पूर्णरूपेण फिर भी उपस्थित था
वायसराय और भारत सचिव दोनों के विचार और मनोभाव. समान थे
भारत के विद्यमान राजनीतिक गतिरोध को दूर करना ,भारत को उसके पूर्ण स्वशासन के लक्ष्य को आगे बढ़ाना और संवैधानिक समझौता प्राप्त करना था
वेवेल योजना के प्रमुख प्रावधान निम्न प्रकार थे


वेवेल योजना के मुख्य बिंदु

वॉयस राय की कार्यकारिणी परिषद का पुर्नगठन किया जाएगा, परिषद में वायसराय और कमांडर-इन-चीफ को छोड़कर सभी सदस्य भारतीय होंगे
प्रतिरक्षा को छोड़कर समस्त भाग भारतीय को दिए जाएंगे
कार्यकारिणी में मुसलमान सदस्य की संख्या सवर्ण हिंदुओं के बराबर होगी
कार्यकारिणी परिषद एक  अंतरिम राष्ट्रीय सरकार के समान होगा,इसे देश का शासन तब तक चलाना है जब तक कि एक नए स्थाई सविधान पर आम सहमति नहीं बन जाती है, गवर्नर जनरल बिना कारण निशेषाधिकार का प्रयोग नहीं करेगा
कांग्रेस के नेता रिहा किए जाएंगे और शीघृ शिमला में एक सम्मेलन बुलाया जाएगा
 युद्ध समाप्त होने के बाद भारतीय स्वयं ही अपना संविधान बनाएंगे
भारत में ग्रेट ब्रिटेन के वाणिज्य और अन्य हितों की देखभाल के लिए एक उच्चायुक्त की नियुक्ति की जाएगी
ब्रिटिश सरकार का अंतिम उद्देश्य भारत संघ का निर्माण करके भारत में स्वशासन की स्थापना करना है ​
हिंदू और मुसलमान समुदाय के अतिरिक्त भारत के अन्य समुदायों जेसे दलित सिक्ख पारसी आदि को भी उचित प्रतिनिधित्व जाएगा

देखिए भारत में कब आया 'वैवेल प्लान' इसके बारे में विस्तार से!

वैवेल योजना (1945) हिंदी में जून 1945 में लार्ड वेवेल द्वारा भारत की वैधानिक समस्या के समाधान के लिए शिमला सम्मेलन में जो योजना प्रस्तुत क...